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आईटीबीपी जवान ने मनरेगा मजदूरी भुगतान में धांधली का किया पर्दाफाश, प्रधानपति के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर


कोरोना संक्रमण की आपदा से जूझ रहे मनरेगा मजदूरों को राहत देते हुए प्रदेश सरकार ने उनकी लम्बित मजदूरी का सोमवार को भुगतान किया। कुछ ग्राम प्रधानों और उनके प्रतिनिधियों ने इसमें धांधली शुरू कर दी। ऐसी ही एक शिकायत पर सीडीओ ने एक प्रधान के पति पर चिलुआताल थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। 


आईटीबीपी के जवान और बरियारपुर निवासी अमित कुमार ने बताया कि बुधवार को सुबह 8 बजे पड़ोस की महिलाएं ग्राम प्रधान पति विकास चंद यादव को भला बुरा बोल रहीं थी। विकास होमगार्ड है। अमित मौके पर पहुंचे तो रमेश राजभर और कन्हैया राजभर की पत्नियों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने उनके खाते में 3-3 हजार रुपये निकलवाए। बुधवार सुबह ग्राम प्रधान का बेटा सौरभ आया और कहा कि मनेरगा का पैसा बताकर वापस करने को कहा। बदले में 250-250 रुपये दिए। इसी तरह के आरोप नर्मदा राजभर पत्नी रामलवट ने भी लगाए। 


मालती ने बताया कि 3000 लेकर सिर्फ 200 लौटाए। फूले के खाते में 3000 आए थे जिसमें 2000 ले लिए। वकील के खाते में 3 हजार आए थे जिसमें से एक हजार ले लिए। अमित ने सभी पीड़ितों का वीडियो बनाकर, तहसीलदार डॉ. संजीव दीक्षित, एसएचओ चिलुआताल एवं सीडीओ हर्षिता माथुर ठाकुर से शिकायत की। रामसकल ने बताया कि शौचालय निर्माण के बाद खाते में सिर्फ 12 हजार आए तो 6 हजार रुपये वापस ले लिए।


जांच की जानकारी पर लौटा दिए रुपये
शिकायत मिलते ही ग्राम प्रधान पति विकास चंद यादव ने न केवल रुपये लौटा दिए। बल्कि ग्रामीणों से माफी भी मांगी। कहा कि जांच अधिकारी के समक्ष मुंह न खोले। 


जांच अधिकारी के समक्ष खुल गई पोल
सीडीओ हर्षिता माथुर के निर्देश डीसी मनरेगा उमेश तिवारी बुधवार की शाम गांव में पहुंचे। उनके साथ बीडीओ जंगल कौड़िया आरपी चौधरी भी थे। दो शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उनसे 3000 रुपये और एक हजार रुपये लिए गए। उन्होंने मौके से ही सीडीओ को मौखिक रूप से जानकारी दी। 


भ्रष्‍टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति
सीडीओ हर्षिता माथुर ने बताया कि भष्ट्राचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। इस मामले में जैसे ही जांच में मौखिक पुष्टी हुई। चिलुआताल थाने को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए। वहां पहले ही शिकायत की तहरीर पड़ी हुई थी जिस पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। कुछ और गांव से भी शिकायत मिली थी, लिखित शिकायत मिलते ही वहां भी कार्रवाई की जाएगी।


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